माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया वित्त वर्ष 2024-25 का बजट व्यापक और विकासोन्मुखी दोनों है। यह बजट ‘अमृत काल’ के संकल्पों और 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कृषि हो या ग्रामीण विकास, इन्वेस्टमेंट हो या इन्फ्रास्ट्रक्चर, हमारी सरकार ने बजट के माध्यम से देश के चौतरफा विकास को एक नई गति देने का प्रयास किया है। यह जन कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने और सभी नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने का एक अनुकरणीय वित्तीय दस्तावेज है। यह बजट ‘अंत्योदय’ की पवित्र भावना को मूर्त रूप देने और विकास और नवाचार की असीम संभावनाओं को उजागर करने वाले ‘विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बजट गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास पर केंद्रित है। इसमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की परिकल्पना की गई है। इस लक्ष्य को पूरा करने में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से बजट में नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति की सौगात दी गई है। नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का उद्देश्य ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना को साकार करना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करना, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान करना और देश में सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाना है। सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल का संवर्द्धन कर सहकारिता क्षेत्र को उसकी क्षमता हासिल करने में सहायता करना और सहकारिता क्षेत्र के लिए नीतिगत, कानूनी और संस्थागत अवसंरचना का निर्माण करना भी इस नीति का मकसद है। सहकारिता क्षेत्र का प्रभाव देशभर में व्यापक रूप से बढ़ रहा है। सहकारी क्षेत्र के विकास पर ही देश का विकास निर्भर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार सहकारी आंदोलन को निरंतर गति, विस्तार एवं दिशा दे रही है। भारत की अर्थव्यवस्था में सहकारी क्षेत्र की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है इसे इस बात से भी बखूबी समझा जा सकता है कि देश में 29 करोड़ सदस्यों के साथ 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद पिछले तीन वर्षों में सरकार ने दूरगामी महत्व के बहुत से बदलाव किए हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति से निश्चय ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास तेज होगा। इससे जमीनी स्तर पर सहकारिता की पैठ मजबूत होने के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा। पिछले तीन वर्षों में सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने और उस माध्यम से किसान कल्याण के लिए अनेक उल्लेखनीय पहलें की हैं। इसके तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) से लेकर शीर्ष सहकारी संस्थाओं (एपेक्स) तक के बुनियादी ढांचे का विस्तार और देश के सभी सक्रिय सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण हो रहा है। एक लाख करोड़ रुपये के निवेश वाली सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना सहकारिता मंत्रालय के नेतृत्व में संचालित हो रही है और इस योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इस योजना से देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, फसल नुकसान को कम किया जा सकेगा और किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। भारत युवाओं का देश है और सहकारिता क्षेत्र का विस्तार तब तक संभव नहीं है जब तक युवाओं में सहकारिता की भावना नहीं बढ़ेगी। उनमें यह भावना बढ़ाने में वैमनीकॉम (श्अटठकउडट) का महत्वपूर्ण योगदान है। वैमनीकॉम का शिक्षा कार्यक्रम सहकारिता मंत्रालय के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन के अनुरूप युवाओं को सहकारिता के क्षेत्र में पेशेवर रूप से दक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। युवाओं को ध्यान में रखते हुए इस बजट में कई घोषणाएं की गई हैं। उनका कौशल विकास करने के साथ उन्हें रोजगार दिलाने के लिए की गई पांच नई योजनाओं से न सिर्फ बेरोजगारी की चुनौतियों से मजबूती से निपटा जा सकेगा, बल्कि बाजार उपयोगी कुशल श्रम बल तैयार करने में भी मदद मिलेगी। माननीय प्रधानमंत्री ने भी अपने संदेश में कहा है, ‘देशभर के युवा साथियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसकी स्पष्ट झलक बजट में देखने को मिली है। विकसित भारत के लक्ष्य में युवाओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा हो, इसके लिए हम उन्हें अवसर देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।’ सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के साथ ही यह बजट सुनिश्चित करता है कि विकास का लाभ सबसे गरीब लोगों तक पहुंचे। मैं विशेष रूप से प्रत्यक्ष कर प्रणाली में नए प्रावधानों का स्वागत करता हूं जो मध्यम वर्ग को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेंगे। नए भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और विश्व का ‘ग्रोथ इंजन’ बनाने का मार्ग प्रशस्त करने वाले इस जनकल्याण केंद्रित बजट के लिए माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय वित्त मंत्री जी को हार्दिक बधाई। लेखक: मुरलीधर मोहोल, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री