Published: 06:54am, 19 Nov 2024
Updated: 06:30am, 28 Nov 2024
- विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए युवा पीढ़ी का सक्षम, आत्मनिर्भर, उद्यमशील, साक्षर और कुशल होना जरूरी
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ स्वरोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता
- अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र के माध्यम से भारतीय युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के अवसर दिलाने की केंद्र ने की पहल
युवा सहकार टीम
केंद्र सरकार ने युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार लायक बनाने की महत्वाकांक्षी पहल की है। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आर्थिक विकास, भारतीय ज्ञान परंपराओं पर आधारित शिक्षा, शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ स्वरोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है। पुणे में प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार मेले के उद्घाटन मौके पर केंद्रीय सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए युवा पीढ़ी का सक्षम, आत्मनिर्भर, उद्यमशील, साक्षर और कुशल होना जरूरी है।
पुणे के छत्रपति शिवाजी नगर स्थित माडर्न कॉलेज में यह मेला कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता विभाग और समर्थ युवा फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। समर्थ युवा फाउंडेशन युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल करता रहता है। फाउंडेशन के पहलों की सराहना करते हुए मुरलीधर मोहोल ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के एक करोड़ युवाओं को जॉब ट्रेनिंग के लिए देश की बड़ी कंपनियों को सब्सिडी देने का फैसला किया है। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से निजी क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों से एमओयू (समझौता ज्ञापन) किए जा रहे हैं। इसके तहत पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ युवा उठाएं और अपनी एवं देश की प्रगति का संकल्प लें।
महिलाओं को भी मिले कौशल आधारित अवसर
इस मौके पर महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदा पाटिल ने महिलाओं के लिए कौशल आधारित अवसर पैदा करने की वकालत करते हुए कहा, “परिवारों की वित्तीय जरूरतों के लिए युवाओं के साथ-साथ महिलाओं के लिए कौशल आधारित अवसर पैदा करना जरूरी है। यह देखा जाना चाहिए कि घर की सारी जिम्मेदारियां निभाते हुए उनके लिए घर पर ही कौशल आधारित रोजगार के अवसर कैसे उपलब्ध होंगे। कौशल विकास के माध्यम से अच्छी आय के साथ आर्थिक उन्नति होती है। दुनिया भर में कुशल जनशक्ति के लिए एक बड़ा अवसर है। युवाओं को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों का कौशल विकास होगा, तो उन्हें ये अवसर उपलब्ध होंगे।”
जर्मनी जाएंगे महाराष्ट्र के 10 हजार युवा
रोजगार मेले के उद्घाटन मौके पर महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि भारत की तुलना में विदेश में आर्थिक लाभ ज्यादा है। इसलिए राज्य सरकार ने जर्मनी के बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके युवाओं के लिए अच्छे अवसर पैदा करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि यदि युवा खुश रहेगा तो परिवार खुश रहेगा। युवा भारत की शक्ति है। पहले चरण में 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित कर जर्मनी भेजने की योजना है। इसके लिए जर्मन भाषा सीखना जरूरी है। पहले जर्मन भाषा अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाई जाती थी, लेकिन अब मराठी के माध्यम से जर्मन भाषा सिखाने का प्रयोग शुरू किया जा रहा है।
सकारात्मक बनें युवा
महाराष्ट्र विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा रोजगार के अवसर पैदा करती है। युवाओं को अपने सपनों को साकार करने के लिए सकारात्मक रहना चाहिए। विदेश में नौकरी के कई अवसर उपलब्ध हैं। इसके लिए यहां के युवाओं को अलग-अलग देशों की भाषाएं सीखनी चाहिए और कौशल हासिल करना चाहिए। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक एक्शन फोर्स बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को विदेशों में विभिन्न पदों पर जाने के लिए दृढ़ संकल्प और दृढ़ता रखनी चाहिए।
अवसरों का उठाएं लाभ
पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहार दिवसे ने कहा कि आज रोजगार और स्वरोजगार एक अहम मुद्दा है। पुणे शिक्षा का घर और आईटी हब है। आज रोजगार बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। युवाओं को खुद को कौशल से सशक्त बनाकर इन अवसरों का लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से राज्य सरकार की मुख्यमंत्री युवा कर्तव्य योजना का लाभ उठाने की अपील की।
7,200 लोगों ने दिया इंटरव्यू
समर्थ युवा फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश पांडे ने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने एवं स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह रोजगार मेला आयोजित किया गया है। इसमें 131 कंपनियों और प्रतिष्ठानों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई है और 18,257 रिक्त पदों को भरने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि मेले में लगभग 9,500 जरूरतमंद लोगों ने विभिन्न स्टालों का दौरा किया, जबकि 7,200 लोगों ने नौकरी के लिए साक्षात्कार दिया। इसी के अनुरूप चयन प्रक्रिया की गई।
इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के वीडियो संदेश भी दिखाए गए। पुणे मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, कौशल विकास विभाग की संभागीय उपायुक्त अनुपमा पवार, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक रमाकांत भावसार भी उदघाटन कार्यक्रम में मौजूद रहे।