भारतीय सहकारिता क्षेत्र की शीर्ष संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) और दुनिया की नंबर एक सहकारी कंपनी इफको के चेयरमैन श्री दिलीप संघाणी सहकारिता क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती हैं। श्री संघाणी गुजरात की अमरेली लोकसभा सीट से चार बार सांसद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रदेश सरकार में सहकारिता, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, गौ-पालन, जेल, आबकारी, कानून एवं न्याय, विधायी एवं संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं। वे गुजरात स्टेट कोआॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के चेयरमैन भी रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में देश के विकास में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें नए-नए अवसर देने और उनकी रोजगार की चुनौतियों का समाधान करने पर खासा जोर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्र्रीय बजट में भी इसके प्रावधान किए गए हैं। सहकारी क्षेत्र युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या कुछ कर रहा है और कैसे युवाओं को सहकारी क्षेत्र की ओर प्रेरित किया जा सकता है, इन सभी मुद्दों सहित नवंबर में भारत में पहली बार आयोजित होने वाले वैश्विक सहकारी सम्मेलन के बारे में अभिषेक राजा ने उनसे बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश: देश के विकास में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर प्रधानमंत्री का खासा जोर है। बजट में भी इसके लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है। सहकारी क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है? भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। सहकारिता क्षेत्र रोजगार बढ़ाने में पूरी तरह से सक्षम है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारी क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना बहुत जरूरी है। सहकारिता क्षेत्र की एपेक्स बॉडी होने के नाते एनसीयूआई ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। इसके लिए एनसीयूआई ने युवा कमेटी बनाई है ताकि सहकारिता से जुड़े हर मोर्चे पर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी दी जा सके। साथ ही राज्यों में युवाओं को सहकारिता से जोड़ने का अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी तरह, इफको में भी युवा डायरेक्टरों को नियुक्त करना शुरू किया गया है। सहकारी क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की योजनाओं पर नवंबर में नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहे वैश्विक सहकारी सम्मेलन में भी विमर्श किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि जब तक युवाओं को महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी, तब तक युवा सहकारी क्षेत्र की ओर प्रेरित नहीं होंगे। सरकार का भी जोर युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर है। हम इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सहकारी समितियों के प्रति युवाओं को आकर्षित कर उनकी भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ‘सहकार से समृद्धि’ का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण पूरी दुनिया के लिए किस तरह कारगर है? सहकारिता क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने और दुनिया को नई दिशा दिखाने की क्षमता है। आज दुनिया जिस दौर से गुजर रही है उसमें बिना खून बहाए सहकारिता आंदोलन से ही पूरे विश्व में समृद्धि का द्वार खोला जा सकता है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है। अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) और इफको के गठजोड़ से होने वाले वैश्विक सहकारी सम्मेलन से भारतीय सहकारिता क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने के लिए केंद्र्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता से जुड़े कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। देश के आर्थिक विकास और पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में सहकारिता क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा। पैक्स का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना हो या फिर पैक्स का कम्यूटरीकरण, केंद्र्रीय सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में बहुत सारे मूलभूत बदलाव किए गए। देश में सहकार की भावना को प्रोत्साहन मिला है। भारतीय सहकारी क्षेत्र की हिस्सेदारी वैश्विक सहकारी क्षेत्र में एक चौथाई फीसदी है। भारतीय सहकारी क्षेत्र मजबूत होगा तो इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। वैश्विक सहकारी सम्मेलन से भारतीय सहकारिता क्षेत्र को कितना फायदा होगा और इस दौरान किस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे? भारत में पहली बार आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के वैश्विक सहकारी सम्मेलन से पूरे विश्व में भारतीय सहकारिता की पहचान बढ़ेगी। नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 25-30 नवंबर तक आयोजित होने वाले सम्मेलन में आईसीए के सदस्य देशों के लगभग 1500 प्रतिनिधियों को भारतीय सहकारिता क्षेत्र को जानने का अवसर मिलेगा। इफको 17 अन्य भारतीय सहकारी संगठनों के साथ मिलकर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। यह सम्मेलन केंद्र्रीय सहकारिता मंत्रालय के विशेष सहयोग और मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान भारतीय सहकारी समितियों को अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों और योगदान को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान मिलेगा। इफको की ओर से पूरे विश्व से आए सहकारी बंधुओं के समक्ष भारतीय सहकारिता आंदोलन की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी। इस दौरान आईसीए की महासभा भी होगी। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में किस तरह के आयोजन होंगे? केंद्र्र सरकार द्वारा अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन से देश में सहकारिता क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिला है। वैश्विक सहकारी सम्मेलन का भारत में आयोजन देश के सहकारिता आंदोलन को विश्व में अग्रणी स्थान दिलाएगा। इस सम्मेलन में ही अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का आगाज किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान जी-20 सम्मेलन की तर्ज पर देश के विभिन्न राज्यों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान ऐसे आयोजनों की श्रृंखला शुरू होगी जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में सहकारी क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। आईसीए के सदस्य देशों के प्रतिनिधि भारतीय सहकारी संस्थाओं से सहकारिता के गुर सीखेंगे। इफको की नैनो टेक्नोलॉजी ने वैश्विक फर्टिलाइजर क्षेत्र में नई क्रांति की शुरूआत की है। नैनो फर्टिलाइजर को लेकर आगे की क्या योजना है? इफको ने नैनो (तरल) फर्टिलाइजर, नैनो (तरल) यूरिया और नैनो (तरल) डीएपी के 20 प्रतिशत निर्यात की अनुमति केंद्र्र सरकार से मांगी है। अभी तक भारत विभिन्न फर्टिलाइजर का आयात करता रहा है। अगर केंद्र्र सरकार से अनुमति मिल जाती है तो यह पहली बार होगा जब नैनो फर्टिलाइजर का निर्यात किया जाएगा। इससे जो फर्टिलाइजर सब्सिडी बचेगी उसका आधा हिस्सा राज्यों को और आधा सहकारी संस्थाओं को दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र्र सरकार ने 1.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। अगर नैनो फर्टिलाइजर का निर्यात बढ़ता है, तो न सिर्फ सब्सिडी बचेगी, बल्कि विदेशी मुद्रा भी अर्जित होगी। ----------- इफको के चेयरमैन श्री दिलीप संघाणी