सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। मंत्रालय की संचालित योजनाओं में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है जिससे महिलाएं भी आसानी से सहकारी समितियों के माध्यम से अपनी आजीविका का बेहतर कर सकें और अन्य महिलाओं के लिए भी समृद्धि की प्रेरक बन सकें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह समय समय पर अपने संबोधन में सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात दोहराते हैं। पीएम ड्रोन दीदी योजना हो या फिर लखपति दीदी सहकारी समितियां महिलाओं की सहभागिता से अपनी जड़े मजबूत कर रहे हैं।
मॉडल बॉयलाज के संशोधित उपनियम हो या फिर एनसीसीटी के दूरस्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी के साथ ही महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की भी हर संभव कोशिश की जाती है।
- मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी संशोधित एक्ट 2001 में इस बात का प्रावधान रखा गया कि बहूराज्यीय सहकारी समितियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में महिलाओं की संख्या में पुरूषों के बराबर हो। इससे देशभर की 1,550 बहुराज्यीय सहकारी समितियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एक सामन हो सकेगा
- सहकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्राइमरी कृषि सहकारी ऋण समितियां यानि पैक्स के मॉडल बायलॉज के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी पुरूषों के समान करना भी सुनिश्चित किया गया। इससे एक लाख से अधिक पैक्स में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मजबूत होगा और पैक्स के कार्यसंचालन में निर्णय लेने की स्थिति में होगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों से सहकारिता के लिए जागरूकता
सहकारिता मंत्रालय अपने राष्ट्रीय स्तरीय संस्थानों जैसे राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वामनीकॉम) और लक्ष्मणराव इनामदार सहकारी संस्था के माध्यम से महिलाओं के कौशल विकास और सहकारिता प्रबंधन के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। नेशनल एकेडमी फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन सभी कार्यक्रमों का लेखाजोखा रखा है। मत्स्य पालन, कृषि एवं वानिकी, वित्त प्रबंधन, ग्रामीण विकास, उद्धमिता प्रशिक्षण आदि में कौशल विकास कर महिला सहकारी समितियों की सदस्यों के कौशल विकास पर ध्यान दिया जाता है।
तीन साल में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिला सदस्यों की सहभागिता
वर्ष कुल सदस्य महिला सदस्य प्रतिशत
2020 21 40,288 8,875 20.02
2021-22 63,774 15,309 24.38
2022-23 2,01,507 77,584 38.50
सहकारी समिति प्रबंधन में महिला निदेशकों की भूमिका पर कार्यक्रम
वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सदस्य
2022-23 18 951
2023-24 18 957
(14 दिसंबर 2023 तक)
एनसीडीसी की महिला सहभागिता में सक्रिय भूमिका
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंर्तगत आने वाला एक वैधानिक निगम है, जो महिला सहकारी समितियों के विकास और महिलाओं सशक्तिकरण के लिए काम करता है। निगम का उद्देश्य सहकारिता में महिलाओं की भागदारी सुनिश्चित करना और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। केवल वित्तीय सहायता ही नहीं एनसीडीसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी महिला सहकारी समितियों की सहायता करती है, जिससे महिलाओं को सहकारिता के प्रति अधिक से अधिक शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा खाद्यान्न प्रसंस्करण, फसलों के रोपण, तिलहन प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन, डेयरी और पशुधन खेती, भंडारण, कताई मिलों, हथकरघा, जूट और पावर लूम बुनाई, एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं, युवा सहकार और अन्य सेवाओं से संबंधित गतिविधियों के संचालन के लिए सहायता प्रदान करती है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा 31 मार्च 2023 तक विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संचालित सहकारी समितियों के विकास के लिए 5,714,81 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता वितरित की गई है। बीते तीन वर्षों के दौरान राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम एनसीडीसी द्वारा विभिन्न महिला सहकारी समितियों को वितरित की गई राशि का विवरण इस प्रकार है-
वित्तीय वर्ष वितरित राशि (रु करोड़)
2020-21 800,36
2021-22 1319,52
2022-23 1437,00
महिला नेतृत्व की सहकारी योजनाएं
नंदिनी सहकार योजना- एनसीडीसी की नंदिनी सहकार योजना सहकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित की जाने वाली अहम योजना है। जो महिला सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। एनसीडीसी द्वारा महिला सहकारी समितियों को 5.714,88 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता निर्गत की गई है, जिससे 1,56 करोड़ महिला सदस्यों को लाभ पहुंचा है.
स्वयं शक्ति सहकार योजना: महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को अग्रिम ऋण प्रदान करने के लिए कृषि ऋण सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की नई स्वयं शक्ति सहकार योजना भी शुरू की गई है।